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Chamari Athapaththu : श्रीलंका की महिला क्रिकेट टीम की दमदार पहचान

Chamari Athapaththu :

Chamari Athapaththu : श्रीलंका की महिला क्रिकेट टीम की दमदार पहचान

श्रीलंका की महिला क्रिकेट टीम की कप्तान चमारी अटापट्टू ने न सिर्फ अपने देश का नाम रौशन किया है, बल्कि विश्व क्रिकेट में भी अपनी एक अलग पहचान बनाई है। अपनी आक्रामक बल्लेबाजी और नेतृत्व क्षमता के लिए जानी जाने वाली चमारी अटापट्टू एक ऐसी खिलाड़ी हैं जिन्होंने महिला क्रिकेट को एक नई दिशा दी है। उनके संघर्ष और समर्पण की कहानी नई पीढ़ी के लिए काफी प्रेरणा दायिक है।

शुरुआती जीवन और उनका क्रिकेट का सफर

चमारी अटापट्टू का पूरा नाम अटापट्टू मुडियांसेलगे चमारी जायंगानी है और उनका जन्म 9 फरवरी 1990 को श्रीलंका के कुरुनेगला में एक छोटे से गांव में हुआ था। बचपन से ही उन्हें क्रिकेट खेलने में काफी रूचि थी।और उन्होंने इसे करियर के रूप में अपनाने का निर्णय लिया। हालांकि, इस राह में उन्हें कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा। एक छोटे शहर से आने वाली चमारी ने बिना किसी विशेष सुविधा के अपने खेल को निखारा और धीरे-धीरे श्रीलंका की राष्ट्रीय टीम तक पहुंचने में कामयाब रही।

2009 में चमारी अटापट्टू ने श्रीलंका की राष्ट्रीय टीम के लिए अपना पहला डेब्यू किया। शुरुआत में उन्होंने बल्ले से ज्यादा लोगो को प्रभावित करने में सफल नहीं रही, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। चमारी ने अपनी कमजोरियों पर कड़ी मेहनत की और जल्द ही एक आक्रामक बल्लेबाज के रूप में उभरकर सामने आईं।
Chamari Athapaththu :

चमारी अटापट्टू की प्रमुख उपलब्धियां

चमारी अटापट्टू का करियर कई उपलब्धियों से भरा हुआ है। उन्होंने अपने करियर में कई शानदार पारियां खेली हैं, लेकिन 2017 में हुए महिला वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई 178 रनों की पारी उन्हें एक अलग मुकाम पर ले गई।उस मैच में चमारी ने अकेले दम पर श्रीलंका को सम्मानजनक स्थिति में पहुंचाया, हालांकि टीम मैच नहीं जीत सकी। उनकी यह पारी आज भी महिला क्रिकेट के इतिहास की सबसे बेहतरीन पारियों में गिनी जाती है।

इस पारी के बाद चमारी की पहचान एक विश्वस्तरीय बल्लेबाज़ों में होने लगी। उन्होंने वनडे क्रिकेट में कई रिकॉर्ड अपने नाम किए। चमारी के नेतृत्व में श्रीलंका की महिला टीम ने भी बेहतर प्रदर्शन करना शुरू किया। उनके आक्रामक खेल और टीम को जीत की दिशा में ले जाने की क्षमता ने उन्हें टीम का कप्तान बनाया।

चमरी श्रीलंका महिला क्रिकेट की दसवीं राष्ट्र कप्तान थी। वह फ्रैंचाइज़ी क्रिकेट में खेलने वाली पहली श्रीलंकन महिला बानी। नवंबर 2023 में, यह घोषणा की गई थी कि सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में एक विशेष समर्पित बैठने की जगह का नाम उनके नाम पर चमारी खाड़ी रखा जाएगा।

वह अपने आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जानी जाती हैं।2013 महिला क्रिकेट विश्व कप में, अटापट्टू ने इंग्लैंड की महिलाओं के खिलाफ तेज अर्धशतक लगाया,जहां श्रीलंका की महिलाओं ने एक विकेट से मैच जीत लिया। उनकी कप्तानी में, श्रीलंकाई महिलाओं ने पाकिस्तान महिलाओं के खिलाफ टी20ई  में अपनी जीत हासिल कर ली। वह वनडे शतक बनाने वाली एकमात्र श्रीलंकाई महिला क्रिकेटर भी हैं, उन्होंने अपने करियर में ऐसा पांच बार किया है।

टी20 क्रिकेट में चमारी का योगदान

चमारी अटापट्टू ने टी20 क्रिकेट में भी शानदार प्रदर्शन किया है। उनके आक्रामक शॉट्स और तेज रन बनाने की क्षमता ने उन्हें टी20 क्रिकेट में एक प्रमुख खिलाड़ी बना दिया। उन्होंने कई मौकों पर टीम को मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकाला और टीम को जीत दिलाई।

चमारी की कप्तानी में श्रीलंका की टीम ने कई महत्वपूर्ण जीत दर्ज की हैं। उनके नेतृत्व में टीम ने न सिर्फ बेहतर खेल दिखाया है, बल्कि खिलाड़ियों के आत्मविश्वास में भी बढ़ोतरी हुई है। उनके नेतृत्व का असर युवा खिलाड़ियों पर भी पड़ा है।

चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में चमारी का संघर्ष

चमारी अटापट्टू के करियर में कई उतार-चढ़ाव आए हैं। चोटिल होने की वजह से उन्हें कई बार खेल से बाहर होना पड़ा, लेकिन उन्होंने हर बार मजबूती से वापसी की। उनकी दृढ़ता और संघर्ष की भावना उन्हें और भी खास मुकाम दिलाती है। एक छोटे से देश से आकर, जहां महिला क्रिकेट को बहुत अधिक समर्थन नहीं मिलता, वहाँ से चमारी ने खुद को साबित किया और आज वे श्रीलंका की सबसे बड़ी महिला क्रिकेटर मानी जाती हैं।

उनका यह संघर्ष उनकी कप्तानी में भी दिखता है। एक मजबूत नेतृत्वकर्ता के रूप में, उन्होंने अपनी टीम को मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकाला है।

चमारी की भविस्य की योजनाए

चमारी अटापट्टू अभी भी अपने खेल के शीर्ष पर हैं और आने वाले वर्षों में भी उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। वे श्रीलंका के लिए कई और रिकॉर्ड बनाना चाहती हैं और युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करना चाहती हैं।

चमारी अटापट्टू का करियर एक प्रेरणा की तरह है, जो दिखाता है कि कैसे एक खिलाड़ी अपनी मेहनत, संघर्ष और समर्पण से अपने देश का नाम रोशन कर सकता है।उनकी विरासत सिर्फ उनके रिकॉर्ड्स और जीत तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्होंने अपने खेल और नेतृत्व से जो प्रेरणा दी है, वह आने वाले समय में भी क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में बनी रहेगी।

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