कैसे हुए कप्तान अंशुमान सिंह शहीद ;
शहीद अंशुमान सिंह के कहानी आप सब ने सुनी होगी | उनकी कहानी सुन कर दिल देहल गया था सभी का जिस वीरता के साथ उन्होंने अपनी साथियो की जान बचायी और बाकियो की जान बचाते बचाते उनकी खुद की जान चली गयी और वो शहीद हो गए | ये पंजाब रेजिमेंट के 26वि बटालियन के आर्मी मेडिकल कोर के कप्तान थे | ये घटना 19 जुलाई 2023 को हुए थी सियाचिन ग्लेसियर में भारतीय सेना के कुछ जवान तैनात ने और वह टेंट बना के रह रहे थे | लेकिन किसी कारणवश किसी टेंट में आग लग जाती है और वह दो तीन टेंट और भी थे और वह आग धीरे धीरे सभी टेंटो में लग जाती है वहाँ इतनी भीषण आग थी की बहुत सरे सैनिक इसकी चपेट में आ गए इसके बाद अंशुमान सिंह उन साथियो को बचने के लिए उस आग में भागना चालू करते है और वे खुद उस आग की चपेट में बहुत बुरी तरह जुलस जाते है और कप्तान अंशुमान सिंह उस आग में इतना ज्यादा झुलस गए की उन्हें बचाया नहीं जा सका हलाकि उन्हें एयरलिफ्ट कर के इलाज के लिए चंड़ीगर तो लाया गया पर उन्हें बचा नहीं पाए और वो शहीद हो गए | ये तो कहानी थी की वो कैसे शहीद हुए |
दूसरी हम कहानी समझेंगे उनकी शादी की |
आइये जानते है कप्तान अंशुमान सिंह की शादी के बारे मई:
कप्तान अंशुमान सिंह की शादी पिछले साल 10 फ़रवरी 2023 में हुए थी | देखा जाये तो शहीद होने के 5 महीना पहले
उन्होंने शादी की थी | इनकी पत्नी का नाम है स्मृति सिंह जो के पेशे से इंजीनियर थी | इन दोनों की मुलाकात कॉलेज के दिनों में हुए थी शादी से 8 साल पहले मुलाकात हुई थी | पहली ही मुलाकात में इनदोनो को प्यार हो जाता है और वे दोनों 8 साल एक लॉन्ग डिस्टेंस वाले रिलेशन में रहते है इतने लम्बे समय साथ रहने के बाद दोनों शादी करते है 10 फ़रवरी 2023 में उनके शहीद होने के करीबन 15 दिन पहली ही उनकी पोस्टिंग सियाचिन में हुई थी |
लेकिन अंशुमान सिंह के माता पिता ने उनके बहु पर जो आरोप लगाए है वो काफी पेचीदा है और समझने वाले है उनका कहना है स्मृति सिंह जो कप्तान अंशुमान सिंह की पत्नी है वो अपनी पति के फोटो,एल्बम,कपडे, और अन्य जो यादो के साथ जो सरकार के द्वारा दिया गया कीर्ति चक्र उन सभी चीज़ो को ले कर वो अपने घर चली गयी यानि की अपने मायके चली गयी जो की गुरदासपुर में है |
कीर्ति चक्र क्या है ?
कीर्ति चक्र भारतीय सैन्य सम्मान है | अगर हम सैन्य सम्मान की बात करे तो दो तरह के सैन्य सम्मान होते है
१। युद्ध के समय में सम्मान के लिए वीरता का पुरष्कार दिया जाता है |
युद्ध के समय में दी जाने वाली पुरस्कार भी तीन तरह के होते है जिनमे सबसे बड़ा सम्मान ” परमवीर चक्र “, “महावीर चक्र”, ” वीर चक्र” दिए जाते है
२। एक शांति काल में वीरता का पुरष्कार दिया जाता है |
शांति काल के समय में दी जाने वाली पुरष्कार भी 3 तरह के होते है जिसमें सबसे बड़ा सम्मान “अशोक चक्र “, “कीर्ति चक्र”, “शौर्य चक्र” दिए जाते है |
शहीद कप्तान अंशुमान को जो दिया गया था वो 5 जुलाई 2024 को दिया गया था |
कप्तान अनुशुमन की वाइफ नहीं रहती है अब अनुष्मन की परिवार के साथ जानते है पूरा मामला:
राष्ट्रपति जी ने तो कीर्ति चक्र से सम्मानित किया इन्हे और उस पुरस्कार को लेने उनकी पत्नी और उनकी माता दोनों गयी थी | उनकी माता का कहना है उस समय तो कीर्ति चक्र हमें मिला था फिर कुछ समय बाद उनकी बहु ने वो उनसे ले लिया | उनकी माता का कहना है कुछ समय के लिए उन्हें वो कीर्ति चक्र कुछ समय के लिए दिया जाये जिस से हम मूर्ति बनाएंगे और फिर कुछ वक्त के बाद हम उसे दे देंगे | कुछ लोग ऐसा भी कह रहे है की इनके पिता पैसा के लिए ऐसा कह रहे है | इनके पिता का नाम राम प्रताब सिंह है जो की आर्मी से रिटायर है ये भी आर्मी में थे | इनके पिता का कहना है | हम सभी घर वाले शादी से बहुत खुस थे हमें कोई शिकायत नहीं थी | स्मृति जो है हमारी बहु वो हमारी बेटी के साथ नॉएडा में एक फ्लैट में रहती थी हमारी बेटी भी बड्स की पढाई कर रही है वहाँ पे दोनों साथ में ही वहाँ रहती थी उनका कहना है 19 जुलाई 2023 को उन्हें खबर मिलती है की उनके बेटे कप्तान अंशुमान सिंह शहीद हो गए तो वो वहाँ से उन दोनों को अपने घर गोरखपुर बुला लेते है अंतिमसंस्कार के लिए 13 वी के बाद ही स्मृर्ति जिद करने लगी की वह अपने पिता के साथ अपने मायके चली जाएगी इसमें स्मृति के पिता का भी कहना है की मेरी बेटी की ज़िंदगी का सवाल है हम उसकी दुबारा शादी कराएँगे तोह इसमें अंशुमान के पिता ने कहा हमने स्मृति को अपनी बहु नहीं अपनी बेटी माना था और हम सब मिलकर उसकी शादी करेंगे हलाकि ये सोच काफी अच्छी है अंशुमान के पिता जी की फ़िलहाल अभी कीर्ति चक्र स्मृति के पास ही है और अंशुमान के घर वाले उनसे कांटेक्ट कर रहे है की वो उन्हें कीर्ति चक्र लौटा दे कुछ समय के लिए पर इस बात पर स्मृर्ति या उनके परिवार के तरफ से किसी भी तरह की बात निकल कर नहीं आयी है |
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