CHANDIPURA VIRUS
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CHANDIPURA VIRUS: क्या है और क्या है इसके लक्षण कैसे करे बचाव

CHANDIPURA VIRUS: क्या है और क्या है इसके लक्षण कैसे करे बचाव

बीते दो हफ्तों गुजरात में चांदीपुर वायरस के कारण 16 बच्चो की जान जाने की आशंका है ये बीमारी एक खास किस्म के मच्चर से फैलती है जिसे ‘सैंड फ्लाई’ कहते है  | और अगर ये मच्चर काट ले तो क्या होता है ये पैदा कहा होते हम आपको सब बताने वाले है |

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क्या है  चांदीपुर वायरस :

ये एक फैक्टर जनित बीमारी है जो की एक मक्खी, मच्चर से फैलती है ये मक्खिया उन कच्चे पक्के दरारों  में रहती है जो मिटटी और गोबर से लिपटी होती है |
आम तोर पे ये मक्खिया घर के अंदरूनी हिस्सों में पैदा होते है नमी इन मक्खियों के लिए सबसे अनुकूल  मोहोल होता है जहा वो पैदा होते है ये मक्खिया अंडे देते है जो आगे चल कर व्यस्क मक्खी की रूप ले लेते है ये मक्खिया इतनी छोटी होती है की इन्हे नंगी आँखों से दिखे जाने वाली मक्खी के मुकाबले ये काफी छोटी होती है | पिछले 2 हफ्तों में चांदीपुर वायरस के 29 मामले सामने आये है  |

किस वातावरण में ये पनपते है  :

डॉक्टर्स के अनुसार ये बीमारी मक्खी और मच्चर दोनों से फ़ैल रहे है  “ये मक्खिया उन कच्चे पक्के दरारों  में रहती है जो मिटटी और गोबर से लिपटी होती है |आम तोर पे ये मक्खिया घर के अंदरूनी हिस्सों में पैदा होते है नमी इन मक्खियों के लिए सबसे अनुकूल  मोहोल होता है जहा वो पैदा होते है” |
जिन कमरों में सूरज की रौशनी तथा हवा आना जान सा संभव नहीं ये मक्खिया वहां पनपती है |

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क्या ये कोई संक्रमक रोग है ?

ये कोई संक्रामक रोग नहीं है  | अगर ये किसी एक बच्चे को हुआ है तो वो दूसरे बच्चे में नहीं फैलेगा | हलाकि ये किसी संक्रमिक बच्चे को काटने के बाद किसी स्वस्थ बच्चे को काट ता है तो वो स्वस्थ बच्चा इस बीमारी की चपेट में आ सकता है | इस बीमारी में कहा जा रहा है अगर ये बीमारी 100 बच्चो को होती है तो 15 ही बचाये जा सकते है | इस बीमारी की चपेट में 14 साल के ही बच्चे  आ रहे है क्यों की उनमे रोगप्रतिरोधक छमता कमज़ोर होती है |

बीमारी के लक्षण :

आम तोर पर इस बीमारी की चपेट में आने वाले लोगो को फ्लू जैसा लक्षण देखा जाता है | जैसे की तेज़ बुखार , दस्त , उलटी आना ज़ब्ती नींद ना आना और बेहोसी और कहा जा रहा है इस से संक्रमिक बच्चा के कोमा में भी जाने के बहुत ज्यादा सम्भावना है चांदीपुर वायरस से इन लक्षणों के अलावा भी चमड़ी पर धब्बे भी पड़ जाते है  डॉक्टर्स के मुताबिक अभी इस बीमारी का फ़िलहाल कोई इलाज़ नहीं है केवल लक्षणों का ही इलाज हो पा रहा है और अभी तक इसकी कोई वैक्सीन नहीं बानी है | बुखार और बदन दर्द को दूर करने के लिए  फ़िलहाल तो दवाइयों का  इस्तेमाल किया जा रहा है  कहा जा रहा है इस बीमारी में बूढ़ो और बच्चो को सतर्क रहने की जरुरत है |जानते है इस से कैसे बचा जा सकता है |

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चांदीपुर वायरस से कैसे बचे  :

अब आप ये समझिये इस से बचाव कैसे किया जाए ?
१। घरो और आसपास के इलाके में साफ़ सफाई रखे कूड़ा कचरा दूर रखे
२। घर में आयी दरार और गड्ढो को जल्द से जल्द ठीक करे
३। कमरे के अंदर सूरज की रौशनी और  हवा लाने का प्रबंध करे
४। बच्चो को माक्चारदानी में सुलाने का प्रबंध करे अगर हो सके तो बच्चो को धूल में गीली मिटटी में खेलने से रोके
५। इम्युनिटी स्ट्रांग करने वाले खानपान का सेवन करे
६। कही भी गन्दी पानी जमा होने ना दे कही भी मक्खी और मछरो को पैदा होने से रोके
७। घर में किसी भी तरह के खाना पीना की चीज़ो को खुला न चोरे

बताये गए लक्षणों में से किसी भी लक्षण आपको देखने मिले तो अपनी नज़दीकी डॉक्टर से संपर्क करे |

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